बसंत – अनिता रश्मि
बसंत उसकी दुधिया हँसी और फेनिल बातों में छिपी है बसंत की मीठी गुनगुनाहट…
बसंत उसकी दुधिया हँसी और फेनिल बातों में छिपी है बसंत की मीठी गुनगुनाहट…
कहां हूं मैं ? कहां हूं मैं ? सुनो, जानते हो तुम… मैं रोज…
मेरे दिल में तुम रहते हो फिर भी इतने गुम रहते हो मेरे दिल…
जीवन के मधुबन में एक सुमन आपका जीवन के मधुबन में एक सुमन…
चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए चलो ख़ुद को भी एक…
स्त्री : रोज़ भरती है हौसलों की उड़ान रोज़ आंगन में वो जगा…
पांचवा बेटा ‘ये रख लो गुन्चा, बिटिया की पढ़ाई में तुम्हारे काम आयेंगे।’…
वक़्त वक़्त… कहाँ से चले कहाँ आ गए वन्देमातरम से जयहिन्द तक के…
गणतंत्र दिवस गीत गणतंत्र दिवस है अमर कहानी स्वर्णिम हिंदुस्तान की, आज़ादी के…
नानी कहती थीं नानी कहती थीं कि शबनम अमृत है पूनो का चाँद…