Lamha lamha waqt ye copy



घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 67

लम्हा लम्हा यूं ही ये वक़्त गुज़र जाएगा

लम्हा लम्हा यूं ही ये वक़्त गुज़र जाएगा

फिर नई सुबह लिए वक़्त नया आएगा

इतना मायूस न हो आज के हालातों से

ये कुहासा  कुछ एक रोज़ में छंट जाएगा

अभी आंखों में हर ख़्वाब सजाकर रखो

कल इन्हीं में से कोई रोशनी बरसाएगा

बंद दरवाज़ों से उम्मीद ए सबा आने दो

इनसे ही उड़ने का  हौसला तू पाएगा

  • गीतकार – अशोक हमराही

Ghar Par Rahen Ghar Par Sunen Song 67 Lamha lamha Singer – Renu Pandey Lyricist : Ashok Hamrahi Music Director : Kewal Kumar

गायिका रेनू पान्डे ने शास्त्रीय संगीत में निपुण किया है, जिसकी शिक्षा उन्होँने श्री कृष्ण कुमार कपूर जी से ली। वे आकाशवाणी की विगत 30 वर्षों से सुगम संगीत, ग़ज़ल एवं लोकगीत की कलाकार हैं। उन्होंने सुगम संगीत एवं ग़ज़ल की शिक्षा श्री मनोहर स्वरूप से ली। यश भारती पुरुस्कार प्राप्त संगीतकार केवल कुमार से उन्होंने ग़ज़ल और लोकगीत की शिक्षा प्राप्त की। वे अपने संगीत के इस मुकाम का श्रेय केवलजी को देती हैं, जिनके साथ उन्होंने कई कार्यक्रम किये हैं और कई सूफ़ी गीतों को रिकॉर्ड किया है। रेनू पान्डे मधुबनी चित्रकला की लखनऊ की एक प्रसिद्ध कलाकार भी हैं और समय-समय पर अपनी प्रदर्शनी लगाती रहती हैं। उनकी गाई ये ग़ज़ल सुनिए … Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।



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