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घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 55

वयं राष्ट्रे जागृयाम

वयं राष्ट्रे जागृयाम

 वयं राष्ट्रे जागृयाम

राष्ट्र को जीवंत और जागृत रखेंगे

घर में रहकर नियम का पालन करेंगे

वयं राष्ट्रे जागृयाम – वयं राष्ट्रे जागृयाम

रहें संयम से कहीं बाहर न जाएं

एक से दो, दो से सौ, अब हो न पाएं

रोग को हम न छिपाएं

तुरत  डॉक्टर को दिखाएं

अब  सजग  हम हो जाएं

इम्यूनिटी अपनी बढ़ाएं

धैर्य को जीवन में हम धारण करेंगे

राष्ट्र को जीवंत और जागृत करेंगे

घर में रहकर नियम का पालन करेंगे

राष्ट्र को जीवंत और जागृत करेंगे

वयं राष्ट्रे जागृयाम – वयं राष्ट्रे जागृयाम

डॉक्टर नर्सेज़ का हम सम्मान करते

जो लगे सेवा में उनका मान करते

हौसले  कम हो न पाएं

दिल में उम्मीदें जगाएं

खुशियों को फिर ढूंढ़ लाएं

एक नया भारत बनाएं

फिर नई सुबह का हम स्वागत करेंगे

राष्ट्र को जीवंत और जागृत करेंगे

घर में रहकर नियम का पालन करेंगे

राष्ट्र को जीवंत और जागृत करेंगे

वयं राष्ट्रे जागृयाम – वयं राष्ट्रे जागृयाम

  • गीतकार – अशोक हमराही



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