Month: August 2019

जैसे जैसे चिराग़ जलते हैं – लता श्री

    https://youtu.be/p1I5A7HUYo0 "लता श्री" हिंदी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियित्री हैं

चिठिया हो तो हर कोई बांचे -1 : पिता के पत्रों से मिलती रही प्रेरणा

  ■■चिठिया हो तो हर कोई बांचे...1 ■■■ पिता के पत्रों से मिलती रही प्रेरणा जबसे लैपटाप और मोबाइल का...

दिन कटा तो रात भी कट जाएगी : कवि पं. जगत नारायण शर्मा

दिन कटा तो रात भी कट जाएगी     देखकर बदले हुए नभ को कहीं, हारकर हिम्मत अरे रुकना नहीं,...

ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे – प्रमिला भारती

ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे     ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे, सहमे सिसके हम बस...

चाय पीने की आदत ने दिलाई कार : प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी

  SANSMARAN:   नौकरी के अनुभव और चाय पीने की आदत ने दिलाई  मुफ़्त में एक नई कार पाठकों, आपको...

माँ डर मुझे बहुत लगता है – प्रमिला भारती

माँ डर मुझे बहुत लगता है   अब डर मुझे बहुत लगता है । माँ डर मुझे बहुत लगता है ।...

मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ : आशा चंपानेरी

मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़   मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......

सत्य या भ्रम : रत्ना बापूली

सत्य या भ्रम अर्ध सुप्त सी लिए अवस्था, कब तक जागृति भान करोगे? चन्द घरों को बना व्यवस्थित, कब तक...