Year: 2019

ज़िन्दगी के पन्नों से … प्रीति सोनावणे

ज़िन्दगी के पन्नों से ... ग़म और ख़ुशी  या ख़ुदा! ज़िन्दगी इतने ग़मों से न भर देना जो हम अपनों...

सुगना हरियाला : प्रमिला भारती

  सुगना हरियाला   देख सुनहरी किरणें दूर जब निकल गया मोम का खिलौना था धूप में पिघल गया ।...

पुलकित है क्षितिज देख सावन की छाँव : राजुल

पुलकित है क्षितिज देख सावन की छाँव   पुलकित है क्षितिज देख सावन की छाँव रोका रथ ऋतुओं ने फूलों...

ग्राम्य जीवन : कवि और कविता – रतिभान त्रिपाठी

एडवांस हो गया गांव तुमने कब से नहीं देखी अपने गांव में लुहार की धौंकनी और लाल हुए लोहे पर...

GHAZAL ग़ज़ल – दोस्त बनकर तुम मेरी ज़िन्दगी में आये थे : अशोक हमराही

  दोस्त बनकर तुम मेरी ज़िन्दगी में आये थे   हर एक सिम्त उदासी के घने साये थे     ...

Kavi Aur Kavita कवि और कविता – Ratibhan Tripathi रतिभान त्रिपाठी

सन्मार्ग पर है वह वह भटकेगा नहीं, थकेगा नहीं डिगेगा नहीं, डरेगा भी नहीं आतताइयों को जीतकर निकला है चिंतित...

Kavi Aur Kavita कवि और कविता : राजकुमार सिंह

मौन ज़िंदगी के बीतते पल बचपन से बुढ़ापे तक का  सफ़र देखा है पल पल का दृश्य, समाज और घटती...