Year: 2019

बुद्ध का बुद्धत्व – दिव्या त्रिवेदी

बुद्ध का बुद्धत्व   वास्तव में बुद्ध से पहले यशोधरा बुद्ध हो गई थीं, जिस दिन बुद्ध लौट कर आए...

अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता- डॉ अनिल त्रिपाठी

  अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता प्यार या मनुहार से नफ़रतों के वार से जीत...

 ख़ाली हो तो जर्जर मन पैबन्दों को सिया करो – डॉ अनिल त्रिपाठी

   ख़ाली हो तो जर्जर मन  के पैबन्दों को सिया करो ख़ाली हो तो जर्जर मन  के पैबन्दों को सिया...

है लबों ने, मौन धारा : दिव्या त्रिवेदी

  है लबों ने, मौन धारा है लबों ने, मौन धारा मौन मुखरित हो गया है कर लिया करती हैं...

ज़िन्दगी कुछ कुछ ख़फ़ा है – ज्योति

  ज़िन्दगी कुछ कुछ ख़फ़ा है   ज़ख्म देने वालो की कमी नही रही , अपना लिया हर ज़ख्म एक...

सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे...

और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी – डॉ अनिल त्रिपाठी

और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी   और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी शाम...

राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ का समापन 

  राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ  13 वां दिन  अगले वर्ष तक के लिये राष्ट्रीय पुस्तक मेला विदा 'कला वसुधा' व...