Year: 2019

सत्य या भ्रम : रत्ना बापूली

सत्य या भ्रम अर्ध सुप्त सी लिए अवस्था, कब तक जागृति भान करोगे? चन्द घरों को बना व्यवस्थित, कब तक...

संस्मरण : कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन – प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी

बचपन  गांव में पैदा हुआ था...बहुत बड़ा घर था.मोटी मोटी मिट्टी की दीवारों पर भारी भारी लकड़ियों और पटरों पर...

Bachpan : બાળપણ – દીપા દેસાઈ

બાળપણ હિંચકાને ઠેસ મારી, ઉપર નીચે.. આવર્તન, કૂદકો મારી "કોઈ" સાથે બેઠું. આગળ પાછળ આંદોલન, અમે..તો પુરજોશમાં ઝૂલતાં'તા... કલાત્મક કડાં...

दिन बचपन के : कवि और कविता : सुधा त्रिपाठी शुक्ला

दिन बचपन के   दिन लौटा दे मेरे बचपन के कोई याद आते हैं दिन बचपन के दिन बचपन के...

संस्मरण : उजाले उन सबकी यादों के – प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी

उजाले उन सबकी यादों के इसमें कत्तई संदेह नहीं कि अपने देश में वैचारिक स्वतंत्रता पिछले कुछ महीनों से चरम...

પાણી રે પાણી અને વરસાદી આલિંગન : દીપા દેસાઈ

પાણી રે પાણી   પાણી રે પાણી રૂપ તારું કેવું? ગિરિશખરે હિમાચ્છાદિત સફેદ શીતળતાનું શિવલિંગ ભોળા અમરનાથ સ્વરુપ, પાણી રે...