Year: 2020

पिता – अनिता रश्मि

  पिता   पिता के खुरदुरे रौबीले चेहरे के पीछे छिपा है एक कोमल चेहरा जिसे सिर्फ बेटियाँ ही पहचान...

कहां हूं मैं ? – दिव्या त्रिवेदी

  कहां हूं मैं ? कहां हूं मैं ? सुनो, जानते हो तुम... मैं रोज आती हूं। खुद को ढूंढती...

बंद हथेली क्यों रखते हो – अशोक हमराही

  मेरे दिल में तुम रहते हो फिर भी इतने गुम रहते हो   मेरे दिल में तुम रहते हो फिर...

जीवन के मधुबन में एक सुमन आपका – अशोक हमराही

  जीवन के मधुबन में एक सुमन आपका   जीवन के मधुबन में एक सुमन आपका महक उठा मन मेरा...

बोलो मेरे वीर जवानों – दिव्या त्रिवेदी

बोलो मेरे वीर जवानों   मिट गए कई जवान हमारे, क्या वैलेंटाइन मनाऊं मैं ? खत में लपेटूं फूल कोई...

चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए – अशोक हमराही

  चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए   चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए जहां कह...

स्त्री : रोज़ भरती है हौसलों की उड़ान – राजुल

  स्त्री : रोज़ भरती है हौसलों की उड़ान   रोज़ आंगन में वो जगा देती है सुबह को और...

निर्भया! तुम कभी माफ़ न करना – दिव्या त्रिवेदी

निर्भया! तुम कभी माफ़ न करना निर्भया! तुम कभी माफ़ न करना नहीं तेरे लिए यहां कोई शर्मिंदा हैं। सब...