कवयित्री : रूपेन्द्रराज तिवारी
आहुति आहुति* पुराना सब आहुत होता है नवीन के स्वागत में। जीर्ण होती वय की आंखों में भय नहीं होता...
आहुति आहुति* पुराना सब आहुत होता है नवीन के स्वागत में। जीर्ण होती वय की आंखों में भय नहीं होता...
परिचय जन्मः बलिया, (उत्तर प्रदेश) शिक्षाः एम. ए. (हिन्दी साहित्य), बी. एड. (विशिष्ट शिक्षा), पीएच. डी. (हिन्दी साहित्य) प्रकाशनः नाटककार...
कहानी : सोने का पिंजरा रोहित एअर पोर्ट से सीधे गुडगांव चल दिया। वहां उसे 11 बजे ‘महेश्वरी फार्माक्यूटिकल्स कंपनी...
दोहे पंचतत्त्व से है बना, यह अनमोल शरीर । इसमें ही बैठा हुआ, पीरों का भी पीर ।। काया माटी-सी चढ़ी, कुम्भकार के...
कथाकार : डॉक्टर कीर्ति अवस्थी ऑफिस से छुट्टी का समय और इतनी तेज बारिश, मुझे कभी भी अच्छी नहीं लगती।...
कथाकार:संजीव जायसवाल ‘संजय’ कलकत्ता से आने वाली स्यालदा एक्सप्रेसप्लेटफार्म नंबर एक पर आकर रूकी ही थी कि आयोजकों और पत्रकारों की भीड़...
संस्मरण - राजुल जन्मतिथि पर विशेष दुष्यंत कुमार यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें...
तिरंगा तू मेरा अभिमान तिरंगा तू मेरा अभिमान, तेरे संग गगन में झूमे भारत माँ का मान|| तेरे हरे रंग...
सम्बधों में अपनापन हो, और समर्पण का भी धन हो। कोरे कोरे वन उपवन में, प्रीत प्रेम का गठबंधन हो।।...
अगर तुम राधा होते श्याम।मेरी तरह बस आठों पहर तुम,रटते श्याम का नाम।।वन-फूल की माला निरालीवन जाति नागन कालीकृष्ण प्रेम...