Month: January 2021

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (16)

महेंद्र कार्तिकेय जी ने मॉरिशस चलने का न्योता दिया। वे 17 से 23 अक्टूबर 20004 तक अपनी संस्था समकालीन साहित्य...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (15)

लंबे अरसे बाद खुशी की खबर ने दस्तक दी। मेधा बुक्स प्रकाशन दिल्ली से मेरा उपन्यास मालवगढ़ की मालविका (2003)...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (14)

मेरा ज्यादातर समय समीक्षाएं लिखने में व्यतीत होने लगा। उस दौरान कई किताबों की समीक्षाएं और भूमिकाएं लिखीं। पढ़ा भी...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (13)

चर्चगेट स्थित इंडियन मर्चेंट चेंबर का सभागार बुक कर लिया ।शैलेंद्र सागर, विभूति नारायण राय, काशीनाथ सिंह, भारत भारद्वाज सब...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (12)

मई 2000 में मैं जम्मू घूमने गई। साथ में प्रमिला वर्मा, यामिनी और हेमंत भी थे। भारत भारद्वाज जी की...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (11)

विरार के फ्लैट का लोन पटाने में दिक्कतें आ रही थीं इसलिए हमने मीरा रोड सृष्टि कॉन्प्लेक्स में निर्मल टॉवर...

बाल कहानी : सुजय सर – अलका प्रमोद

सुजय सर गणित की कक्षा थी। सुजय सर ने कक्षा में आते ही ब्लैकबोर्ड पर कुछ सवाल लिखो और आरव...

बाल कहानी : एक वादा – अलका प्रमोद

एक वादा अमायरा और रेयान कार से निकल कर स्कूल तक जाने में ही थक गये । उनकी पीठ पर...

बाल कहानी : जादुई दस्ताने – अलका प्रमोद

जादुई दस्ताने नीटू के मामा आने वाले थे। मामा जब भी आते नीटू खुश हो जाता । मामा उसके लिये...

यात्रा संस्मरण : मनाली – सविता चड्ढा

यात्रा संस्मरण मनाली में ऐतिहासिक स्‍थान लेखिका - सविता चड्ढा ( लगभग 45 वर्ष पूर्व मेरे पिता जी ने मुझे...