आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (21)
कैसी विडंबना है कि एक तरफ किताबें पाठकों के लिए तरस रही है तो दूसरी ओर साहित्य के मठाधीश अपने...
कैसी विडंबना है कि एक तरफ किताबें पाठकों के लिए तरस रही है तो दूसरी ओर साहित्य के मठाधीश अपने...
दिसंबर में मुंबई की जैसे जवानी लौट आती है। मौसम खुशगवार हल्की हल्की ठंड। सुबह के वक्त हल्का स्वेटर पहनना...
आलोक भट्टाचार्य नवोदित लेखिका सुमीता केशवा की किताब एक पहल ऐसी भी का लोकार्पण हेमंत फाउंडेशन के बैनर तले कराना...
6 तारीख ने लिया भी दिया भी। 6 सितंबर को नौकरी ज्वाइन की और 6 मई को रमेश की मृत्यु...
हेमंत की मृत्यु के बाद मेरी बर्बादी के ग्रह उदय हो चुके थे ।मीरा रोड का घर हेमंत के बिना...
रेनी-डे आज सुबह से ही खूब पानी बरस रहा था। अक्षत ने कहा मम्मा मेरा स्कूल जाने का...
पहली सफ़लता नमित और रिया स्कूल से घर आये तो मम्मी के दरवाजा खोलते ही नमित बोला ‘‘मम्मी...
महेंद्र कार्तिकेय जी ने मॉरिशस चलने का न्योता दिया। वे 17 से 23 अक्टूबर 20004 तक अपनी संस्था समकालीन साहित्य...
लंबे अरसे बाद खुशी की खबर ने दस्तक दी। मेधा बुक्स प्रकाशन दिल्ली से मेरा उपन्यास मालवगढ़ की मालविका (2003)...
मेरा ज्यादातर समय समीक्षाएं लिखने में व्यतीत होने लगा। उस दौरान कई किताबों की समीक्षाएं और भूमिकाएं लिखीं। पढ़ा भी...