Year: 2021

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (13)

चर्चगेट स्थित इंडियन मर्चेंट चेंबर का सभागार बुक कर लिया ।शैलेंद्र सागर, विभूति नारायण राय, काशीनाथ सिंह, भारत भारद्वाज सब...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (12)

मई 2000 में मैं जम्मू घूमने गई। साथ में प्रमिला वर्मा, यामिनी और हेमंत भी थे। भारत भारद्वाज जी की...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (11)

विरार के फ्लैट का लोन पटाने में दिक्कतें आ रही थीं इसलिए हमने मीरा रोड सृष्टि कॉन्प्लेक्स में निर्मल टॉवर...

बाल कहानी : सुजय सर – अलका प्रमोद

सुजय सर गणित की कक्षा थी। सुजय सर ने कक्षा में आते ही ब्लैकबोर्ड पर कुछ सवाल लिखो और आरव...

बाल कहानी : एक वादा – अलका प्रमोद

एक वादा अमायरा और रेयान कार से निकल कर स्कूल तक जाने में ही थक गये । उनकी पीठ पर...

बाल कहानी : जादुई दस्ताने – अलका प्रमोद

जादुई दस्ताने नीटू के मामा आने वाले थे। मामा जब भी आते नीटू खुश हो जाता । मामा उसके लिये...

यात्रा संस्मरण : मनाली – सविता चड्ढा

यात्रा संस्मरण मनाली में ऐतिहासिक स्‍थान लेखिका - सविता चड्ढा ( लगभग 45 वर्ष पूर्व मेरे पिता जी ने मुझे...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (10)

हमने लोन लेकर विरार में टू बेडरूम हॉल किचन का खूबसूरत घर खरीदा। अपनी पसंद का फर्नीचर बनवाया। जहाँ बेडरूम...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (09)

समय बीतता गया। एक दिन अचानक श्रीकांत जी (बाबा नागार्जुन के पुत्र जो अब यात्री प्रकाशन संभालते हैं) का फोन...