नमस्कार से संस्कार की होती है पहचान – अशोक हमराही

0
IMG-20180817-WA0002

 

नमस्कार से संस्कार की होती है पहचान

 

नमस्कार से संस्कार की होती है पहचान

नमस्कार जब ह्रदय से निकले मिल जाते भगवान

विनय से बनता मनुज महान

विनय ही मानव की पहचान

 

विनयशील जो होते हैं वो हर सुख पाते हैं

अहंकार से दूर सभी के प्रिय बन जाते हैं

करते हैं जो मान सभी का उन्हें मिले सम्मान

विनय से बनता मनुज महान

विनय ही मानव की पहचान

 

हाथ जोड़कर विनत भाव से जो भी करे प्रणाम

उसे मिले आशीष सभी का बन जाये हर काम

मन हो नम तो मन को मिलता मनचाहा वरदान

विनय से बनता मनुज महान

विनय ही मानव की पहचान

 

करते जो सम्मान, बड़ों को शीश नवाते हैं

मानव क्या प्रभु तक उनके आगे झुक जाते हैं

नत होने से ही मिलता है उन्नति का वरदान

विनय से बनता मनुज महान

विनय ही मानव की पहचान

  • अशोक हमराही

 

  • पढ़ने के बाद Post के बारे में Comment अवश्य लिखिए .

विशेष :- यदि आपने Website को Subscribe नहीं किया है तो, कृपया अभी Free Subscribe करें; जिससे आप हमेशा हमसे जुड़े रहें. ..धन्यवाद!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *