Break up Story वो अपनी मर्ज़ी से जीना चाहती थी

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ब्रेक-अप स्टोरी

वो अपनी मर्ज़ी से जीना चाहती थी

राजुल अशोक

महिमा और भुवन की पहली मुलाकात आज से चार साल पहले कमालिस्तान स्टूडियो में हुई थी। महिमा उस दिन पहली बार ऑडिशन देने आई थी। उस फिल्म में सहकलाकारो की ज़रूरत थी।

कॉस्टिंग डायरेक्टर महिमा की सहेली का भाई था, इसलिए उसने तुरंत महिमा को ऑडिशन के लिए बुलवा लिया। महिमा सही समय पर पहुंच गई थी। वो एक कोने में बैठी अपने डायलाग याद कर रही थी कि तभी अपना कागज़ हाथ में लिए एक लड़का उसके पास आ खड़ा हुआ। महिमा ने उसे देखा और फिर से याद करने में लग गई।

लड़का कुछ देर वहीं खड़ा रहा, फिर हाल का चक्कर लगाने लगा। महिमा ने देखा वहां बैठने की जगह नहीं थी और तभी उसे एहसास हुआ कि वो दो लोगों की जगह घेर कर बैठी है। उसने अपना बैग उठाया और नीचे रख दिया। फिर वो चुपचाप उस लड़के को देखने लगी, जो अभी भी हाल के चक्कर लगाते हुए याद करने में लगा था। महिमा ने पहले सोचा कि उसे आवाज़ दे, पर कुछ सोचकर वो चुपचाप बैठ गई। कुछ देर बाद वो लड़का महिमा की बगल में आकर बैठ गया। महिमा को अब तक डायलाग याद हो चुका था। अब वो उसे भाव के साथ बोलने की प्रैक्टिस करना चाहती थी।

वो अपनी जगह से उठी, पर अपने साथ बैग नहीं ले जाना चाहती थी। उसने लड़के से कहा ’ये बैग यहाँ रखा है, प्लीज़ ज़रा ध्यान रखियेगा।’ और फिर वो हाल के बाहर आकर गार्डेन में जोर-जोर से डायलाग बोलकर प्रैक्टिस करने लगी। अचानक उसे पीछे से ताली की आवाज़ सुनाई दी। उसने घूमकर देखा। वही लड़का खड़ा था। हाथ में उसका बैग था। महिमा को बहुत तेज गुस्सा आया।

उसने घूरकर देखा। वो लड़का बोला, ’अच्छा बोल रही थीं, मुझे लगता है आपका सेलेक्शन हो जाएगा।’ महिमा की त्योरियां चढ़ गईं। वो तेज़ी से उसकी और बढ़ी और झटके से उसके हाथ से अपना बैग छीन लिया। लड़के ने कहा, ’ऑडिशन शुरू हो गया है। यही बताने आया था।’ महिमा जाने लगी। लड़का फिर बोला, ’मेरा नाम भुवन है।’ महिमा ने कोई जवाब नहीं दिया, वो हाल में पहुंच गई।

ऑडिशन सच में शुरू हो गया था। महिमा अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी, अचानक उसे ख़्याल आया कि वो लड़का नहीं दिख रहा है। महिमा ने चारों और नज़रें घुमाईं। वो लड़का दरवाज़े के पास वाली बेंच पर बैठा था और महिमा की ओर ही देख रहा था। उनकी नज़रें मिली, तो भुवन ने मुस्कुराकर उसे इशारे से बेस्ट ऑफ़ लक कहा। महिमा ने मुंह घुमा लिया। ’ये लड़का तो पीछे ही पड़ गया, सोच रहा होगा कि अब इसी बहाने दोनों की बातचीत शुरू हो जाएगी, पर महिमा इतनी जल्दी किसी से बात नहीं करती।’ महिमा ने गर्दन झटक दी।

कुछ ही देर में उसका नंबर आया। वो ऑडिशन देकर बाहर निकली तो उसने देखा, उसके बाद तीसरा नंबर उस लड़के का था। उसे बाहर आते देख लड़का फिर मुस्कराया। ’पक्का बेशर्म है, बात किये बिना मानेगा नहीं।’ महिमा ने सोचा और उसे बेस्ट ऑफ़ लक कहकर आगे निकल आई। सामने ही कासिं्टग डायरेक्टर खड़ा था। महिमा उसे धन्यवाद देने लगी। उसने महिमा को दिलासा दिया कि ’वह उसे और ऑडीशंस के बारे में भी बताएगा, हालाकि यहाँ भी काम बन सकता है।’ उसने महिमा से कुछ देर इंतज़ार करने के लिए कहा। महिमा रिज़ल्ट का इंतज़ार कर ही रही थी, तब तक वो लड़का भी आ गया। महिमा का परिचय करवाते हुए कासिं्टग डायरेक्टर ने बताया कि वो उसका दोस्त है। नार्थ का है और कुछ दिन पहले ही मुंबई आया है। इस तरह महिमा और भुवन की विधिवत जान पहचान हो गई।

ऑडिशन का रिज़ल्ट निकला, तो भुवन और महिमा दोनों का ही सेलेक्शन नहीं हुआ था। डायरेक्टर उनके पास आकर कह गया, ’बेटर लक नेक्स्ट टाइम।’

महिमा गुमसुम खड़ी थी, तभी भुवन ने उसके पास आकर कहा, ’दिल छोटा मत करिए। ऐसा तो होता ही रहता है। मैं अब तक चार ऑडिशन दे चूका हूँ।’ महिमा बोली, ’मेरा पहला मौका था।’ भुवन ने मुस्कुराकर कहा, ’आखिरी नहीं था न? बस इतना काफी है। अरे ऐसे हज़ारों मौके आते रहंेगे। आप देखती जाइए। पहली नहीं तो दूसरी बार, वरना तीसरी बार तो रोल मिल ही जाएगा।’

महिमा को चुपचाप देख वो फिर बोला, ’क्या सोच रही हैं। मैं चार ऑडिशन के बाद आपको हिम्मत बंधा रहा हूँ, इस बात पर हंसी आ रही है? मैं तो कहता हूँ यहाँ सेलेक्शन की तमीज ही नहीं है। मेरी जाने दीजिये आपकी इन बोलती आँखों में तो कैरेक्टर साफ़ नज़र आता है।’ इस बार महिमा से चुप नहीं रहा गया। वो हंस पड़ी। भुवन ने चाय पीने का प्रस्ताव रखा तो वो मना नहीं कर पाई। चाय पीकर दोनों अपनी-अपनी मंज़िल की ओर चल दिए।

इसके बाद महिमा की भुवन से कई मुलाकातें हुई। उनमें दोस्ती हुई, तो फोन पर बातचीत भी होने लगी। दोनों को फिल्में नहीं मिल सकीं, पर धारावाहिकों में काम मिलने लगा था। इत्तिफाक़ से जब महिमा को एक सीरियल में रोल मिला, तब उसी दिन भुवन ने उसे बताया कि वो एक ऐतिहासिक धारावाहिक में लीड बना है। इस खबर से दोनों ही खुश हुए।

ये भी इत्तिफ़ाक था कि जहाँ महिमा शूटिंग कर रही थी, उसी के बगल वाले स्टूडियो में भुवन के धारावाहिक का सेट लगा था।

शूटिंग शुरू हुई, तो अक्सर भुवन खाली समय में महिमा के सेट पर आ जाता। दोनों की दोस्ती अब काफी अन्तरंग हो गई थी। महिमा को भुवन का आना अच्छा लगता, क्योंकि भुवन के आते ही उसके सेट पर हलचल मच जाती। भुवन टीवी का स्टार बन चुका था। महिमा उसकी दोस्त है ये जानकर अब लोग महिमा से इज्ज़त से पेश आते।

एक दिन महिमा ने भुवन को बताया कि वो जिस लड़की के साथ रूम शेयर कर रही थी, उसकी शादी हो गई है। अब दो दिन के अन्दर महिमा को अपने रहने के लिए दूसरी जगह ढूंढनी होगी। भुवन ने उस वक़्त कुछ नहीं कहा, पर उसी रात महिमा के रूम में आकर उससे सामान पैक करने के लिए कहने लगा। महिमा ने मना किया, तो भुवन नाराज़ हो गया कि उसके रहते वो इतनी परेशान हो रही है। क्या वो उसे अपना नहीं समझती?

महिमा चुप रह गई। वो भुवन के फ़्लैट में आ गई। भुवन के साथ रहते हुए कुछ ही महीनो में उनके बीच की सभी दूरियां मिट गईं। महिमा के घरवालों को जब ये पता लगा कि वो शादी किये बिना भुवन के साथ रह रही है, तब उन्हें बहुत धक्का लगा। उसके माता-पिता दोनों मुंबई आए और महिमा को समझाते रहे। महिमा ने कहा ’वो घर से नाम कमाने का सपना लेकर निकली थी, जब तक वो सपना पूरा नहीं हो जाता, वो शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहती। महिमा के पिता बहुत नाराज़ हुए। वो माँ को लेकर चले गए, लेकिन महिमा को समझाने के लिए उसकी माँ अक्सर आने लगी। महिमा की माँ ने उसे समझाया और भुवन से भी शादी के लिए कहा, पर भुवन ने कहा कि वो जब आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी शादी के बारे में सोचेगा। महिमा को लगा भुवन सही कह रहा है। उसने माँ को फिर समझा दिया कि ’वो दोनों दिल से जुड़े हैं। शादी तो कभी भी हो जाएगी। इस समय भविष्य देखना होगा।’ महिमा की माँ चुपचाप लौट गई।

इसी बीच दो घटनाएं घटीं। एक, महिमा का धारावाहिक समाप्त हुआ और दूसरे, भुवन को एक और धारावाहिक मिल गया। महिमा काम की तलाश में प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाती और भुवन दो शिफ्टों में काम करके जब घर आता, तब सीधे उसे नींद दबोच लेती। महिमा को दो-एक जगह छोटे-मोटे रोल्स मिले, पर भुवन नहीं चाहता था, इसलिए उसने स्वीकार नहीं किये।

अब वो अधिकतर घर पर ही रहती। एक दिन बातों-बातों में भुवन ने कहा कि ’वो शूटिंग में कितना थक जाता है, ऐसे में जब घर लौटकर महिमा उसकी सेवा करती है तो उसे बहुत अच्छा लगता है।’

महिमा ये सुनकर खुश हो गई। वो और मन से भुवन का ख्याल रखने लगी। पर अक्सर उसे स्टूडियो की याद आती। जब भुवन उसे अपने सेट के किस्से सुनाता, तब उसका मन होता कि वो भी फिर से सेट पर जाए। वो सोचती कि ’काश, कभी खुद भुवन उसके लिए काम की बात करे।’ भुवन की काफी जान-पहचान भी थी, लेकिन ये बात वो कभी उससे नहीं कह पाती।

भुवन को और काम मिलने लगा था। अब कई बार वो ऑफ़ वाले दिन भी घर से बाहर रहता और कई रातें महिमा अकेली बिताती। एक दिन भुवन से मिलने एक कलाकार घर पर आया। बातों-बातों में महिमा को पता लगा कि भुवन अक्सर पार्टियों में जाता है। महिमा का दिल उदास हो गया। वो घर पर अकेली है, ये जानकार भी भुवन पार्टियों में समय बिताता है। इस बात पर उनके बीच बहस भी हुई।

उसके बाद तो जैसे एक सिलसिला ही शुरू हो गया। अक्सर भुवन रात को घर से बाहर रहता, महिमा कुछ पूछती तो उनमें झगडा हो जाता, महिमा रोती, खुद को समझाती और भुवन का ज्यादा ख्याल रखने की कोशिश करती। लेकिन अब उसने फिर से काम की तलाश शुरू कर दी थी। अब वो भुवन को बताये बिना ही रैम्प वाक् के लिए हामी भर देती, बाद में जब भुवन को पता लगता, तो वो महिमा पर नाराज़ होता कि इस तरह वो अपने कैरियर को बर्बाद कर लेगी।

इसी बीच एक दिन महिमा को एक बड़े प्रोडक्शन हाउस से बुलावा आया। वो लोग फिल्म बना रहे थे। उसमें साइड हीरोइन के लिए महिमा ने ऑडिशन दिया और उसे साइन कर लिया गया। घर आकर जब उसने ये खुशखबरी भुवन को सुनाई, तो वो भड़क गया। उसने कहा ’वो थर्ड क्लास प्रोडक्शन है। सी ग्रेड फिल्में बनता है। महिमा को उनके साथ काम नहीं करना चाहिए।’ पर इस बार महिमा अपने फैसले पर अटल थी। बहस बढ़ी तो भुवन ने यहाँ तक कह दिया कि अगर वो अपनी मर्ज़ी से जीना चाहती है, तो साथ रहने से क्या फायदा।

महिमा चुप रह गई। उस रात वो सो नहीं सकी। अगले दिन भुवन के सामने जब उसने शादी का प्रस्ताव रखा, तब भुवन ने फिर वही रटा रटाया जवाब दिया।

महिमा का कहना था कि अब भुवन क्यों इंतज़ार कर रहा है। भुवन ने कहा कि वो जब तक फिल्म साइन नहीं कर लेता, तब तक उसके मन को चैन नहीं आएगा। महिमा की जिद थी कि या तो भुवन शादी करे या फिर उसे काम करने दे और भुवन का कहना था कि शादी से क्या फर्क पड़ेगा। कहीं बच्चे हो गए तो जिम्मेदारियां ही बढ़ेंगी। बहस बढ़ी तो भुवन ने महिमा से कह दिया कि वो उसकी तरह घर नहीं बैठना चाहता और शूटिंग के लिए निकल गया। उस रात जब भुवन घर लौटा, तब महिमा घर पर नहीं थी। भुवन ने देखा घर पर उसका कोई सामान भी नहीं था। भुवन ने न उसे ढूँढने की कोशिश की और न ही महिमा ने दोबारा लौटने की सोची।

महिमा की फिल्म पूरी हुई। उसे अवार्ड भी मिला। अब वो कई फ़िल्में कर रही हैं और भुवन टेलीविजन का सबसे महंगा स्टार बन चुका है। उसकी शादी भी हो गई है। हां, महिमा अब तक अविवाहित है।

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