Ghar par rahen, Ghar par sunen:घर पर रहें ,घर पर सुनें
song no. 3
दर्द में मुस्कान के दीपक जलाते
हम हैं वो तूफां में जो क़श्ती चलाते
मुश्किलों में भी जो रहते हैं अटल
ज़िन्दगी में हैं वही होते सफ़ल
हम तो हैं हर हाल में जी, मुस्कराते
दर्द में मुस्कान के दीपक जलाते …
आज है वो कल नहीं रह पायेगा
पहले जैसा फिर ज़माना आयेगा
हमने देखे हैं दुखों को आते जाते
दर्द में मुस्कान के दीपक जलाते ….
– अशोक हमराही
Lyricist- Ashok Hamrahi
Composer- Kewal Kumar
Singer- Rita Pandey
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