घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 49

घर में रहके अब हम अपने पास हैं

घर में रहके अब हम अपने पास हैं

कौन कहता है कि हम उदास हैं

भागती फिरती रही जो ज़िन्दगी

अब सुकूं से वो हमारे साथ है

वक़्त को यूं ही गवांते हम रहे

अब समझ आया हर इक पल ख़ास है

अपनों संग रहने की थी फुर्सत नहीं

ख़ुश हैं अब अपनों के जब हम साथ हैं

जी रहे थे हम मशीनों की तरह

अब हुई ख़ुद से सही पहचान है

  • गीतकार – अशोक हमराही

Ghar Par Rahen Ghar Par Sunen Song 49 Ghar mein rahkar ab ham apne paas hain Singer – Malvika Hariom Lyrics : Ashok Hamrahi Music : Kewal Kumar

“बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न मालविका हरिओम लगभग दस वर्षों से संगीत और लेखन के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। वह आकाशवाणी लखनऊ से ग़ज़ल और लोकसंगीत में अनुमोदित गायिका हैं। उन्होंने श्री शरदमणि त्रिपाठी, श्री केवल कुमार, श्री मुरारी लाल गुप्ता से संगीत की शिक्षा प्राप्त की है। देश – विदेश में संगीत की प्रस्तुतियाँ देने के साथ – साथ वह कवियित्री के रूप में कवि सम्मेलन और मुशायरों में भी सक्रिय रहती हैं। उन्हें गायन तथा लेखन के लिए 2016 में उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा “रानी लक्ष्मीबाई सम्मान” प्राप्त हुआ। साथ ही, “देवी अवार्ड”, लोक-गायन हेतु ‘अवध सम्मान’, ‘तुलसी गौरव सम्मान’, ‘स्वयं सिद्धा’ सम्मान, ‘रेवांत सम्मान’, ‘आगमन सम्मान’, ‘सृजन सम्मान’, ‘साहित्य सुगंधा सम्मान’, ‘महादेवी वर्मा सम्मान’, ‘इंदिरा सम्मान’, सुभद्रा कुमारी चौहान आदि सम्मानों भी उन्हें प्राप्त हो चुके हैं। वाणी म्यूज़िक से भोजपुरी में देवी गीतों का एक एल्बम “देवी दयालु भईं” भी रिलीज़ हुआ है।”



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