Akele hain yadon ki mahfil copy



घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 56

अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएं

अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएं

चलो कुछ दिनों ख़ुद को हम भूल जाएं

ला ला ल ला ला

वो फूलों के डेरे, वो मौसम के फेरे

वो बाहों के घेरे, वो सुबह सवेरे

वो रंगीं नज़ारे, हसीं चांद तारे

वो गाती बहारें, वो नदिया किनारे

चलो फिर इन्हें अपना साथी बनाएं

चलो कुछ दिनों ख़ुद को हम भूल जाएं

अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएं

चलो कुछ दिनों ख़ुद को हम भूल जाएं

ला ला ल ला ला

वो संग दोस्तों का, वो हंसना हंसाना

जुहू बीच जाना, वो मिलना मिलाना,

कभी मॉल में ख़ूब,  शॉपिंग कराना

वो ऑफ़िस के किस्से, वो पिच्चर दिखाना

चलो फिर वही मस्तियां ढूंढ लाएं

अकेले हैं यादों की महफ़िल सजाएं

चलो कुछ दिनों ख़ुद को हम भूल जाएं

ला ला ल ला ला

  • गीतकार – अशोक हमराही



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