हमें आज भी याद है घर में बड़ा सा रेडियो था उसका एक निश्चित स्थान था फिर पापा ने ट्रांजिस्टर खरीदकर दिया, पुणे वाली दीदी को  फिल्मों और गानों का बेहद शौक था, एक दिन रात को बिजली चली गई, उस समय रेडियो celon पर बिनाका गीत माला बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम था, गानों के शौकीन उस दौर के लोग उस दिन (शायद बुधवार को आता था ठीक से याद नहीं ) का बेसब्री से इंतज़ार करते थे, दी ट्रांजिस्टर लेकर छत पर आ गई ताकि prog स्पष्ट सुन सके, prog प्रस्तुति करते थे हम सभी के प्रिय या कह सकते हैं  रेडियो की आवाज़ अमीन सायानी साब, उनका भाइयों और बहनों, binaca geet mala के 10 गानों का उतार चढ़ाव का क्रम, उनके बोलने और प्रस्तुतिकरण श्रोताओं को आगामी सप्ताह प्रोग्राम की प्रतीक्षा करने के लिए बेचैन कर देती थी, फिर कब हम रेडियो (spl हमारी प्रिय विविध भारती) की हो गई, पता ही नहीं चला । उनका कल इस नश्वर संसार को छोड़कर चले जाना दुःखद तो है ही, लेकिन आज, कल और आने वाले दिनों में रेडियो प्रेमियों के दिलों में सायानी साब सदैव जीवित रहेंगे ये मेरा अटूट विश्वास है।आज भी विविध भारती पर उनकी दिलकश अंदाज और आवाज़ में अनगिनत प्रोमो या कार्यक्रम के पूर्व ’ये आकाशवाणी का प्रसारण है विविध भारती ’सुनकर आंखें स्वतः नम हो गईं ।
विनम्र नमन उस आवाज़ को

अमीन सायानी का निधन 92 वर्ष की अवस्था मे ह्रदयाघात के कारण हुआ, मंगलवार 20 फरवरी 2024 की रात उन्हें मुंबई स्थित उनके आवास पर हार्ट अटैक आया, उन्हें अस्पताल ले जाया गया उनका इलाज करने का प्रयास किया गया लेकिन देर रात उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, उनकी मृत्यु की खबर की पुष्टि अगले दिन 21 फरवरी को उनके पुत्र राजिल सायानी ने की

  • बबिता बसाक

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