कहानी : अजीब औरत
कथाकार : डॉक्टर कीर्ति अवस्थी ऑफिस से छुट्टी का समय और इतनी तेज बारिश, मुझे कभी भी अच्छी नहीं लगती।...
कथाकार : डॉक्टर कीर्ति अवस्थी ऑफिस से छुट्टी का समय और इतनी तेज बारिश, मुझे कभी भी अच्छी नहीं लगती।...
कथाकार:संजीव जायसवाल ‘संजय’ कलकत्ता से आने वाली स्यालदा एक्सप्रेसप्लेटफार्म नंबर एक पर आकर रूकी ही थी कि आयोजकों और पत्रकारों की भीड़...
संस्मरण - राजुल जन्मतिथि पर विशेष दुष्यंत कुमार यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से चलें...
तिरंगा तू मेरा अभिमान तिरंगा तू मेरा अभिमान, तेरे संग गगन में झूमे भारत माँ का मान|| तेरे हरे रंग...
सम्बधों में अपनापन हो, और समर्पण का भी धन हो। कोरे कोरे वन उपवन में, प्रीत प्रेम का गठबंधन हो।।...
अगर तुम राधा होते श्याम।मेरी तरह बस आठों पहर तुम,रटते श्याम का नाम।।वन-फूल की माला निरालीवन जाति नागन कालीकृष्ण प्रेम...
स्मृति शेष "मैं गोली हूं. कलमुंहें विधाता ने मुझे जो रूप दिया है, राजा इसका दीवाना था, प्रेमी-पतंगा था. मैं रंगमहल की रोशनी थी. दिन में, रात में, वह मुझे निहारता. कभी चम्पा कहता, कभी चमेली..." उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन के उपन्यास 'गोली' की नायिका चम्पा की कही ये बातें उत्सुकता उत्पन्न करती हैं और सिर्फ़ “गोली...
दुनिया के सबसे बडे कला सँग्रहालय का देश: रूस पुश्किन की कविता ,जिसे महसूस कर रही हूँ उनके देश रूस...
संचालिका सुश्री राजुल अशोक जी के साथ दिनांक 09.9.20 को, प्रकाशक के मंच पर मेरी चर्चा हो रही थी। संयोग...
बेवजह ही सही ठीक है चलो माना हम दोनों के दरमियाँ नहीं है कुछ खास जैसा। मिल गए होंगे हम...