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कहानी:मिलन-संजीव जायसवाल ‘संजय’

​​​​​​कथाकार:संजीव जायसवाल ‘संजय’  ​​      ​​कलकत्ता से आने वाली स्यालदा एक्सप्रेसप्लेटफार्म नंबर एक पर आकर रूकी ही थी कि आयोजकों और पत्रकारों की भीड़...

आचार्य चतुरसेन शास्त्री

स्मृति शेष "मैं गोली हूं. कलमुंहें विधाता ने मुझे जो रूप दिया है, राजा इसका दीवाना था, प्रेमी-पतंगा था. मैं रंगमहल की रोशनी थी. दिन में, रात में, वह मुझे निहारता. कभी चम्पा कहता, कभी चमेली..." उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन के उपन्यास 'गोली' की नायिका चम्पा की कही ये बातें उत्सुकता उत्पन्न करती हैं और सिर्फ़ “गोली...