राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ का समापन
राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ
13 वां दिन
अगले वर्ष तक के लिये राष्ट्रीय पुस्तक मेला विदा
‘कला वसुधा’ व ‘गीत गायें गुनगुनायें’ का विमोचन
गांधी जयंती पर हुई संगोष्ठी व प्रतियोगिताएं
लखनऊ में डेढ़ सौंवी जयंती वर्ष पर महात्मा गांधी को समर्पित राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में पिछले 13 दिनों से जारी राष्ट्रीय पुस्तक मेला अगले वर्ष तक के लिये विदा हो गया। अंतिम दिन मेले में पुस्तक प्रेमियों का क्रम बराबर चला। बापू की जयंती पर यहां गांधी दर्शन पर संगोष्ठी व प्रतियोगिताएं हुईं तो कला वसुधा विशेषांक के संग गीत गायें गुनगुनाएं सीरीज की किताबों का विमोचन हुआ। नेत्र परीक्षण शिविर में भी तांता लगा रहा।
नवाबी शहर की सालाना परम्परा बन गये मेले में लोग आज भी गांधी से सम्बंधित किताबें मांग रहे थें लेकिन कल राजधानी में पढे़ लखनऊ-बढ़े लखनऊ के लिये बने रिकार्ड के बाद मेले के स्टालों में गांधी साहित्य बहुत ही कम बचा।
मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि मोटे अनुमान से मेले की कुल बिक्री 70 लाख रुपये से कुछ ऊपर-नीचे होगी।
लोक कलाओं के लिए हाल में हिन्दी संस्थान से पुरस्कृत हुई त्रैमासिक कला वसुधा के नये संगीतशास्त्र प्रसंग विशेषांक का विमोचन प्रधान सम्पादक शाखा बन्द्योपाध्याय व सम्पादक डा.ऊषा बनर्जी, ज्योति, प्रतुल जोशी, योगेश प्रवीन, राज खुशीराम, कुमकुम धर,प्रो ऊषा सिन्हा, रामबहादुर मिश्र, विजय राय व अन्य लोक विशेषज्ञों की उपस्थिति में लोक चिंतन कर किया गया।
जूली राॅस, रोजलिन मसीह, राजवीर रतन के बाल गीतिकाओं की होली ट्रिनिटी पब्लिकेशन्स से प्रकाशित गीत गायें गुनगुनायें शृंखला की दो पुस्तकों का विमोचन अशोक खन्ना, एससी सेठ, संजय मैक्वान, रेजी लारेंस, डा राजेश चक्रवर्ती, राजीव कुमार व एलएमजीसी के विकास गुप्ता व लेखकों की उपस्थिति में हुआ। निदेशक रेजी राॅस ने बताया कि सचिन तेंदुलकर, डा.कलाम, मदर टेरेसा, डोरेमाॅन, इंटरनेट, योग जैसे व्यक्तित्वों व नये विषयों पर बच्चों के लिए रची कविताएं बहुत पसंद की जा रही है। होली ट्रिनिटी अब मूल्य आधारित शिक्षा व कक्षा पांच तक के बच्चों के योग्य स्तरीय किताबों के प्रकाशन की ओर उन्मुख है।
आज अंतिम दिन मेले में कवितालोक के संयोजन में काव्य रचनाओं की स्वर लहरियां उठीं तो परिकल्पना व माधवी फाउण्डेशन के संयोजन में गांधी दर्शन चिंतन पर चर्चा चली।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। फलक फाउण्डेशन के समारोह में संयोजिका कौसर वसीम और अतिथियों ने कथक और भरतनाट्यम के विश्व रिकार्डधारी विवेक वर्मा, दिनेश सहगल, अनीता सहगल, लोक नृत्यांगना ज्योति किरन रतन, आभा सिंह, प्रियंका, सरिता सिंह, ईशा रतन-मीशा रतन, आयशा सिद्दीकी अंकिता बाजपेयी, अनुराग बत्रा आदि को सम्मानित किया। गांधी पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में लक्ष्य, फुजैल, अक्षरा, शुभांगी, यूनुस, अंकिता, जाह्नवी आदि अनेक बच्चों ने भाग लिया। निर्णय कला शिक्षक विकास गुप्ता ने किया।
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