कवि और कविता

कवियित्री: ज्योति किरण सिन्हा

लिखें भी तो क्या लिखें इस दौर की हम दास्ताँ लिखें भी तो क्या लिखें इस दौर की हम दास्ताँ...

कवयित्री: रूपेन्द्र राज

प्रेम! मैं भी चाहती हूँ करना किसी की आँख के समंदर में डूबना मैं भी चाहती हूँ तन की ग्रीष्म...

शायर : ख़ालिद फ़तेहपुरी

हम भी उल्फत मे वफाओ की रिवायत पे चले हम भी उल्फत मे वफाओ की रिवायत पे चले ज़ुल्म ताज़ा...

कवि : गोप कुमार मिश्र

मजमून -186-``प्रतीक्षा /इंतज़ार '' ====================== प्रतीक्षारत पथराई आँखें -गीत सिसक रही सम्वेदना ,रिश्ते हुए फकीर रिश्तों की तहरीर अब पानी...

कवयित्री : रूपेन्द्रराज तिवारी

आहुति आहुति* पुराना सब आहुत होता है नवीन के स्वागत में। जीर्ण होती वय की आंखों में भय नहीं होता...

कवि : ज्ञान प्रकाश चौबे

परिचय जन्मः बलिया, (उत्तर प्रदेश) शिक्षाः एम. ए. (हिन्दी साहित्य), बी. एड. (विशिष्ट शिक्षा), पीएच. डी. (हिन्दी साहित्य) प्रकाशनः नाटककार...

कवि : राजेन्द्र वर्मा

दोहे  पंचतत्त्व से है बना, यह अनमोल शरीर । इसमें ही बैठा हुआ, पीरों का भी पीर ।। काया माटी-सी चढ़ी, कुम्भकार के...

कवयित्री : प्रतीक्षा तिवारी

तिरंगा तू मेरा अभिमान तिरंगा तू मेरा अभिमान, तेरे संग गगन में झूमे भारत माँ का मान|| तेरे हरे रंग...

कवयित्री : राखी कुलश्रेष्ठ

सम्बधों में अपनापन हो, और समर्पण का भी धन हो। कोरे कोरे वन उपवन में, प्रीत प्रेम का गठबंधन हो।।...