कवि और कविता

असीर-ए-ज़िंदगी – शहज़ादी खातून

असीर-ए-ज़िंदगी   ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में ही क़ैद होकर रह गई ख़्वाहिशें समझौतों के कंधे पर बोझ हो गईं लड़कपन जवानी...