Iktara इकतारा : छाया – राजुल
छाया ‘छाया’ की अहमियत कभी ख़त्म नहीं होती .. छाया की सुरक्षा का महत्व असल में जन्म से ही पता...
छाया ‘छाया’ की अहमियत कभी ख़त्म नहीं होती .. छाया की सुरक्षा का महत्व असल में जन्म से ही पता...
बात निकलेगी तो ... पांच साल और राजनीति यानि सत्ता की सीढ़ी. सत्ता पर क़ाबिज़ होने के लिए लोकतंत्र में...
प्रवास हर इंसान में उसकी माँ और मातृभूमि हमेशा ज़िंदा रहते हैं। अब प्रवासी इस मानवीय नियम से कैसे अछूते...
बात निकलेगी तो ... बुधुआ के चुनावी नुस्ख़े चुनाव प्रचार का सीज़न है. ऐसे में बड़े-छोटे दलों से लेकर गली-नुक्कड़...
बात निकलेगी तो ... प्रजातंत्र का उत्सव अपने देश में आजकल उत्सव की धूम है, अरे ये वो उत्सव नहीं...
बात निकलेगी तो ... मीडिया का कीड़ा लोगों को अक्सर ये कहते हुए सुना करता था ‘फ़लां के दिमाग़ में...