आत्मकथा

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (53)

जब भोपाल के लिए बोरिया बिस्तर बांधा था तो यह सोच कर चली थी कि जैसे पहले वानप्रस्थ आश्रम हुआ...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (52)

भोपाल में चार लाख कायस्थ हैं और ढेरों कायस्थ सभाएं। जाति संबंधी उत्सवों, सभाओं से दूर ही रहती हूं। किसी...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (51)

तुमसे मिलकर पर चर्चा भोपाल में वरिष्ठ कवि राजेश जोशी की अध्यक्षता में रखी गई ।प्रमुख वक्ता हीरालाल नागर, राजेश...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (50)

आत्मविश्वास के पद चिन्ह संतोष श्रीवास्तव की रचनाधर्मिता के कई आयाम है।वे एक समर्थ कथाकार, संवेदनशील कवयित्री, जागते मन और...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (49)

साहित्य अकादमी ने अनुदान देने के लिए 40 पांडुलिपियां चयन की थीं। जया केतकी, रेखा दुबे की किताब की भूमिका...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (48)

मॉरीशस से रामदेव धुरंधर श्रीलाल शुक्ल सम्मान लेने भारत आए थे। वे भोपाल आ रहे थे। उर्वशी के संस्थापक निदेशक...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (47)

इन दिनों यूट्यूब चैनलों की बाढ़ सी आ गई है दिल्ली के ललित कुमार मिश्र का यूट्यूब चैनल वर्जिन स्टूडियो...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (46)

अब यूं है  कि हमारे सन्नाटे में नरगिस चटखती है ।उसके फूलों का शबाब चैन नहीं लेने देता। सो जुट...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (45)

केरल जाने के लिए मुम्बई से फ्लाइट लेनी थी।मुंबई पहुंचते ही न जाने क्या हो जाता है मुझे ।मुंबई की...