आत्मकथा

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (23)

इसी वर्ष नमन प्रकाशन ने सुरेंद्र तिवारी के संपादन में 20वीं सदी की महिला कथाकारों की 10 खंडों में कहानियां...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (22)

विनोद सर झुंझुनू से 35 किलोमीटर दूर चुडैला ग्राम चुरू में यूनिवर्सिटी खोलना चाहते थे। 5 फरवरी 2009 में यूनिवर्सिटी...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (21)

कैसी विडंबना है कि एक तरफ किताबें पाठकों के लिए तरस रही है तो दूसरी ओर साहित्य के मठाधीश अपने...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (20)

दिसंबर में मुंबई की जैसे जवानी लौट आती है। मौसम खुशगवार हल्की हल्की ठंड। सुबह के वक्त हल्का स्वेटर  पहनना...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (19)

आलोक भट्टाचार्य नवोदित लेखिका सुमीता केशवा की किताब एक पहल ऐसी भी का लोकार्पण हेमंत फाउंडेशन के बैनर तले कराना...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (16)

महेंद्र कार्तिकेय जी ने मॉरिशस चलने का न्योता दिया। वे 17 से 23 अक्टूबर 20004 तक अपनी संस्था समकालीन साहित्य...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (15)

लंबे अरसे बाद खुशी की खबर ने दस्तक दी। मेधा बुक्स प्रकाशन दिल्ली से मेरा उपन्यास मालवगढ़ की मालविका (2003)...