निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा
निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...
निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...
तुम शहर बनो बनारस की मैं सांझ- सवेरे भटकूं तुझमें तुम गली बनो घाटों की मैं सांझ- सवेरे भटकूं...
हारी हूं मैं.. हारी हूं मैं.. हां देख लो तुम आज हारी हूं मैं तुमसे, तुम्हारे प्रेम से सहज...
बातें ... राजुल बातें... दुनिया की बागडोर संभाले तय करती हैं अपनी उम्र का सफ़र कितने रंग, कितने रूपों...
મિત્રતા લખીશ તો અવરિત.... કંઈ કેટલાય ચિહ્નો સંગાથે , અપાર "મિત્રતા"નું લિપિચિત્ર..... બોલીશ તો અસ્ખલિત..... કંઈ કેટલાય અક્ષરો સંગાથે, શ્વાસેશ્વાસે"મિત્રતા"નું...
ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां साँसें हैं सब दांव...
ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे लग रहे हैं झूठे...
पुलिस विभाग जिसके प्रति आज समाज में नकारात्मक धारणा है वहीं इसी पुलिस विभाग में उत्तर प्रदेश पुलिस के उप...
कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच' कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच वो मुलाकातों का दौर जो कभी आया ही...
उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे तूने जिन...