काव्य / गीत – ग़ज़ल

निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...

મિત્રતા (मित्रता) – दीपा देसाई 

મિત્રતા લખીશ તો અવરિત.... કંઈ કેટલાય ચિહ્નો સંગાથે , અપાર "મિત્રતા"નું લિપિચિત્ર..... બોલીશ તો અસ્ખલિત..... કંઈ કેટલાય અક્ષરો સંગાથે, શ્વાસેશ્વાસે"મિત્રતા"નું...

ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां साँसें हैं सब दांव...

ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे लग रहे हैं झूठे...

है तलवों नीचे धरा दबी – भवानी प्रसाद मिश्र

पुलिस विभाग जिसके प्रति आज समाज में नकारात्मक धारणा है वहीं इसी पुलिस विभाग में उत्तर प्रदेश पुलिस के उप...

उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे तूने जिन...