बहुआयामी व्यक्तित्व से संपन्न अशोक हमराही साहित्य-संगीत और कला इन तीनों ही क्षेत्रों में एक जाना पहचाना है. सीतापुर उत्तर प्रदेश के गाँव दतवल में जन्में अशोक हमराही ने लखनऊ को अपना कार्यक्षेत्र बंनाया.
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में यूथ थिंकर्स फ़ोरम, युवजन समिति , युवा भारत, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी जैसे सामाजिक संगठनों के संस्थापक सदस्य और सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में देश और समाज हित में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया.
युवा रचनाकार मंच, साहित्य सुधा परिषद्, मानस वीथिका आदि अनेक साहित्यिक संस्थाओं के संस्थापक और सक्रिय सदस्य के रूप में साहित्यिक क्षेत्र में सृजनात्मक भूमिका निभाई.
युवक नाद (साप्ताहिक), सुधा भारती (साहित्यिक मासिक पत्रिका), मानस वीथिका (साहित्यिक मासिक पत्रिका), सुकवि विनोद (कविता प्रधान मासिक पत्रिका), वार्निंग (साप्ताहिक), जनमत (बुलेटिन), दिशा (बुलेटिन), चिंतन बिंदु (बुलेटिन) आदि पत्र-पत्रिकाएं निकालने में सक्रिय भूमिका रही.
विधि स्नातक और हिंदी साहित्य से एम ए करने के बाद अशोक हमराही ने जीवनोपार्जन के लिए शिक्षा के क्षेत्र को चुना और भारतीय शिक्षा निकेतन, शिशु शिक्षा सदन और शास्त्री कोचिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की. इन शिक्षा संस्थानों में आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को प्राथमिकता दी गयी. वर्षों तक शिक्षण कार्य से जुड़े रहने के बाद 1987 में लखनऊ से प्रकाशित हिंदी दैनिक समाचार पत्र नवजीवन में उपसंपादक के रूप में अपने जीवन की नयी शुरुआत की.
इस बीच लखनऊ दूरदर्शन और आकाशवाणी में लेखक-एंकर के रूप में भी जुड़े रहे. उद्घोषक के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की. वर्तमान में भी वह मुंबई में रहते हुए विविध भारती और एफ़एम गोल्ड मुंबई में आर जे के रूप में समय-समय पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के हिंदी दैनिक नवजीवन का प्रकाशन कमज़ोर पड़ने और अंततः बंद होने तक अब तक नाम से टी वी के लिए न्यूज़ मैगज़ीन निकाली. इसके बाद वर्ष 1999 में नोयडा में कुछ महीनों तक ज़ी न्यूज़ में कार्य करने के बाद लखनऊ वापस लौटकर नागरिक लोक साप्ताहिक में समाचार संपादक के रूप में कार्य किया और फिर वर्ष 2001 में मुंबई आ गए.
मुंबई में हिंदी ब्लिट्ज़ के पूर्व संपादक नंद किशोर नौटियाल के साप्ताहिक समाचार पत्र नूतन सवेरा में समाचार संपादक के रूप में कार्य करते हुए यहीं से प्रकाशित मुंबई में राजस्थान और मुंबई में उत्तर भारतीय नामक मिनी साइक्लोपीडिया के संपादन में सहयोग किया. इस बीच मुंबई के ही एक दैनिक समाचार पत्र दो बजे दोपहर में भी संपादकीय सहयोग किया.
इसी बीच मुंबई से प्रारम्भ पहले आध्यात्मिक टी वी चैनल आस्था में भी लेखक और एंकर के रूप में शुरुआत से जुड़ गए. आस्था में रहते हुए करीब दस वर्षों तक कई विशेष कार्यक्रमों के निर्माण में इनका उल्लेखनीय योगदान रहा. मंगल कामना, सात्विक आहार, आस्था अन्ताक्षरी जैसे कई कार्यक्रम अत्यधिक लोकप्रिय भी हुए.
अशोक हमराही का लेखन कार्य बहुत ही विस्तृत रहा है. दूरदर्शन के लिए विशेष अवसरों और विशिष्ट लोगों के जीवन से सम्बंधित आलेख-गीत, कहानी, कविता ,उपन्यास, रंगमंच, कथक मंच, टी वी धारावाहिक, फ़िल्म हर क्केषेत्र के लिए उन्होंने लेखनी चलाई है.
अशोक हमराही ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए गीत लिखने का रिकॉर्ड कायम किया है. वृन्दगान, देशगान सहित सभी तीज-त्योहारों, सभी मौसम और लगभग सभी विशेष अवसरों के लिए उन्होंने गीत-ग़ज़ल-भजन लिखे हैं, जिनकी संख्या हज़ार से भी अधिक है, जो समय समय पर अभी भी आकाशवाणी से प्रसारित होते रहते हैं.
अशोक हमराही के लेखन कार्यों की सूची बहुत लम्बी है, जिनमें से कुछ नामों का उल्लेख यहाँ कर रहे हैं.
दूरदर्शन के लिए – बुद्धं शरणं गच्छामि, महाकुम्भ, प्रियदर्शिनी इंदिरा गाँधी, स्मृति शेष : गुलाब बाई, इतराती धूप, नन्हीं-नन्हीं बुंदिया, ज्योति पर्व, स्नेह सूत्र, यदा यदा हि धर्मस्य, मुक्ति धारा, आद्या नमामि, पालकी बहार की, विजय सत्य की रही धरा पर, रंग बरसे आदि.
रेडियो रूपक श्रृंखला – प्रदेश के रंग हमारे संग (उत्तर प्रदेश पर्यटन)
रंग मंच – सिद्धार्थ का गृह त्याग, मायाजाल, अंधेर नगरी (मूल कृति भारतेंदु हरिश्चंद्र), कामायनी ( मूल कृति जय शंकर प्रसाद), उर्वशी ( मूल कृति रामधारी सिंह दिनकर), वैशाली की नगर बधू (मूल कृति आचार्य चतुरसेन), आँख की किरकिरी (मूल कृति रवीन्द्रनाथ टैगोर), परिणीता (मूल कृति शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय)रेनबो, कहाँ खो गयी निर्मल धारा, गंगा सागर, सात सुर सजे आदि.
कथक रंगमंच – अकथ कहानी प्रेम की (भारतेंदु हरिश्चंद्र की कृति चन्द्रावली नाटिका पर आधारित), खुसरो रैन सुहाग की, बेगम हज़रत महल आदि.
गीत नाटक – विजय (कारगिल वीरों को समर्पित)
नृत्य नाटिका – कुम्भं कुम्भ समाहित
उपन्यास – दोस्ती, आरोप, सिसकते किनारे, पहला पति, और रात ढल गई, मुट्ठी भर रेत.
काव्य संग्रह – हमराही शतक (छंद संग्रह), करुणा (खंड काव्य), आस्था के स्वर (भक्ति गीत), ग़ज़ल संग्रह
रेडियो नाटक – अंतिम प्रणाम, अँधेरे उजाले, अविनाश, मुन्नी का सपना.
टीवी धारावाहिक – सबके लिए (दूरदर्शन), तलाक़ क्यों (दूरदर्शन), इंद्रधनुष, (दूरदर्शन), सलाखें (यूटीएन ), आख़िर कब तक (ई टी वी), बैंड स्टैंड (सी एम एम), उसने कहा था (सी एम एम)
टेली फ़िल्म – द जजमेंट, अपने-अपने सबके सपने, अधूरे स्वर, सीमा, सुहानी भोर, मंज़िलें और भी हैं, पूरा सच, एक रात.
फ़ीचर फ़िल्म – आशिक़ मिजाज़, प्यार बंटता नहीं, परदेसी मीत, आस, कहानी गुड़िया की (सत्य कथा पर आधारित) हे भगवान्, अनामिका, सती सावित्री, बात एक रात की.
अशोक हमराही ने वीनस, टाईम्स म्यूज़िक, टी सिरीज़, लहर आदि कई म्यूज़िक कंपनियों के लिए नियमित रूप से गीत-ग़ज़ल और भजन लिखे हैं. विज्ञापन बनाने वाली कई कंपनियों के लिए 100 से अधिक विज्ञापन भी लिखे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, कवि, लेखक, पत्रकार, उद्घोषक, एंकर, अभिनेता, निर्माता, निर्देशक जैसे विविध आयाम अपने जीवन में संजोने वाले अशोक हमराही अभी भी अपनी रचना धर्मिता से जुड़े हुए हैं.