कवि पंडित जगतनारायण शर्मा
स्वर्गीय पंडित जगत नारायण शर्मा , हिन्दी साहित्य में रचनाकारों की उस परम्परा के प्रतिष्ठित कवि रहे हैं जिसमें महाकवि निराला , गोपालसिंह नेपाली , गोपालदास नीरज जैसे साहित्य साधकों के नाम आते हैं ।
उस दौर में स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक पंडित जगतनारायण शर्मा जी ने इटावा ज़िला विद्यालय प्रतिनिरीक्षक तथा सचिव शिक्षा बोर्ड इलाहाबाद के रूप में इस क्षेत्र में अनेक प्रभावशाली कार्य किये … निरंतर शिक्षा और साहित्य साधना करते हुए वे इलाहाबाद के हिन्दी संस्थान के डायरेक्टर के रूप में रिटायर हुए ।
सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षा के प्रसार और साहित्य सृजन में आजीवन संलग्न रहे ।
ये सौभाग्य है कि प्रकाशक को उनकी रचना प्रकाशित करने का अवसर मिला है।
गीत –
देखो कोई आया चूड़ी खनकी
ऊँची उड़ान है ये मतवाले मन की ,
देखो कोई आया चूड़ी खनकी ।
मन के आकाश में कौंध गई बिजली ,
बिन बरखा के लो बरस गई बदरी ,
सुधिहों बिसर गई भीगे तन-मन की,
देखो कोई आया चूड़ी खनकी ।
पनघट तीर उघारे किसने पलकें,
साँसो के भार ये रजत घट छलके,
झाँक गया है कोई कोर नयन की,
देखो कोई आया चूड़ी खनकी ।
अनगाये गीत सुहाए मन भाये ,
मधुबन में जैसे भौंरा मँडराये,
मंद पड़ी है आभा चंद्रकिरण की,
देखो कोई आया चूड़ी खनकी ।
सुधियों के जाल हैं जादू जगाये,
एक सपन सा जैसे हाय भरमाये,
खोई सारी गरिमा सूनेपन की,
देखो कोई आया चूड़ी खनकी ।
कवि पंडित जगतनारायण शर्मा
Anjali Pathak कविता के भाव बहुत सुन्दर हैं उतनी ही सुंदर धुन प्रकाश जी ने बनाई हैं ।नीलम जी ने भावपूर्ण अंदाज मे इसे गाया है
बहुत सुन्दर रचना है जितना सुन्दर गीत है उतना ही सुन्दर संगीत है गीत के बोल बहुत आकर्षित करते हैं श्री जगत नारायण शर्मा जी की भावपूर्ण रचना को
श्री प्रकाश नारायण शर्मा ने अनोखे सुरों से बांधा है और श्रीमती नीलम वर्मा ने
मनमोहक सुरों से सजाया है। 👌👌👏👏
Such a beautiful blend of mesmerising words and intoxicating voice 😊😊
Amazing! Such a beautiful and heart touching words of this poetry and voice is soooooo…. Speachless. ❤️❤️