ख़्वाहिश

 

मैंने कहा -” ऐ ज़िन्दगी, बस करना इतनी सी इनायत
हर बात में हो सनम और हर तरफ़ हो सनम की सूरत ”
ज़िन्दगी मुस्कुराई और बोली बहुत प्यार से – ” कुबूल है! ”

दिल ने ज़िन्दगी से फिर की एक चाहत
“बस हो मासूम सी शरारत और बेपनाह मोहब्बत”
ज़िन्दगी फिर खिलखिलाई और बोली – ” कुबूल है! ”

ख़्वाहिशों की तो बस होती यही है फ़ितरत
एक पूरी होते ही दूसरी की हो दिल पर हुकूमत
हर बार लगता यही कि
कहती रहे ज़िन्दगी – “कुबूल है,  कुबूल है,  कुबूल है!”

 

 

 श्रद्धा थत्ते सुप्रसिद्ध RJ, गायिका और लेखिका हैं 


 

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