कवि और कविता काव्य / गीत - ग़ज़ल गीत संगीत हिन्दी जले जब पांव अपने तब कहीं जाकर समझ आया – डॉ अनिल त्रिपाठी ashokhamrahi 6th March 2023 0 ग़ज़ल जले जब पांव अपने तब कहीं जाकर समझ आया जले जब पांव अपने तब कहीं जाकर समझ आया घने ... Read More