कहानी : कबाड़-आलोक कुमार दुबे
कबाड़ ‘बाबा जी, आपको कौन सा रंग अच्छा लगता है?‘ नन्हें मुदित ने अचानक केदारनाथ जी के कमरे में प्रवेश...
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सुखमनी ‘गुलशन के दार जी! दो दिन हो गये अपनी सुखमनी नहीं दिखायी दी’ सरदारनी रुमाल कौर ने पति से...