नानी कहती थीं – मनोज चतुर्वेदी
नानी कहती थीं नानी कहती थीं कि शबनम अमृत है पूनो का चाँद , मस्त चाँदनी शीतल मंद...
नानी कहती थीं नानी कहती थीं कि शबनम अमृत है पूनो का चाँद , मस्त चाँदनी शीतल मंद...
चंद्रप्रभा 2 कहती हैं सूर्य रश्मियां चंद्रप्रभा हुई मैं मेरे चंद्र! तुम्हारे प्रेम को मैंने अपने कण- कण...
चलो इस शाम को थोड़ा सा गुलाबी कर लें चलो इस शाम को थोड़ा सा गुलाबी कर लें तेरे...
बालकनी की चिड़िया सुनो तुम्हारी बालकनी में हर सुबह रोज एक चिड़िया आती है ना कोई गीत गा...
डर ... दहशत ... ख़ौफ़ डर ... दहशत ... ख़ौफ़ सिर्फ़ मन की कमज़ोरी है - कायरता है...
दुआ क्या और उनकी बद्दुआ क्या दुआ क्या और उनकी बद्दुआ क्या जो रिश्ता ही नहीं उसका गिला...
प्रेम सब कहते हैं ये प्रेम नहीं है जो मुझे उस अज्ञात प्रियतम से है कैसे बताऊं उन्हें वो...
लघुकथा लड़की पैदा हुई है 'लड़की हुई है?' देव ने पूछा वीणा को इसी प्रश्न की उम्मीद थी,...
सफ़र....हम लड़कियों का हम लड़कियों की ज़िंदगी की सबसे बड़ी मुश्किल उसकी शादी होती है। एक लड़की जो पिछले...
चलें फिर आज उजालों की तरफ़ फ़िज़ा में रंग नज़ारों में जान आई है सहर ये आज फिर नए...