और एक साल दिए जाता हूँ – अशोक हमराही
और एक साल दिए जाता हूँ अपनी यादों के दरीचे से फिर और एक साल दिए जाता हूँ...
और एक साल दिए जाता हूँ अपनी यादों के दरीचे से फिर और एक साल दिए जाता हूँ...
वो पेड़ आरे में मेट्रो कार शेड नहीं बनेगा , ये ख़बर मिलते ही जश्न सा माहौल हो गया...
रात को आफ़ताब देखा है रात को आफ़ताब देखा है, ...
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे कोई सीलन भरा हो घर जैसे जहाँ न...
ओ अरण्य के सुन्दर सपने ! ओ अरण्य के सुन्दर सपने! निधि जीवन की - लक्ष्य प्राण के !...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है. गांधी जी पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में...
कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच' कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच वो मुलाकातों का दौर जो कभी आया ही...
ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे, सहमे सिसके हम बस...
रिश्ते नाते वो बेवफ़ा समझता रहा ...