तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं – अशोक हमराही
अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...
अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...
गणतंत्र दिवस गीत गणतंत्र दिवस है अमर कहानी स्वर्णिम हिंदुस्तान की, आज़ादी के दीवानों के साहस त्याग महान...
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे कोई सीलन भरा हो घर जैसे जहाँ न...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है. गांधी जी पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में...
जय जयवंती माँ भारती हम हिंदुस्तानी देश हमारा जानसे प्यारा आज़ादी का बुलंद नारा जयजयवंती मॉ भारती जयजयवंती मॉ भारती...
मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......
બાળપણ હિંચકાને ઠેસ મારી, ઉપર નીચે.. આવર્તન, કૂદકો મારી "કોઈ" સાથે બેઠું. આગળ પાછળ આંદોલન, અમે..તો પુરજોશમાં ઝૂલતાં'તા... કલાત્મક કડાં...
सावन की मन मानी है ये सावन की मन मानी है ये आग भरा इक पानी है ये बारिश...
मुक्तक अंबर से छत की मुंडेर पर आते हो जन-जन को सावन के गीत सुनते हो सच कहती हूँ बहुत...