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तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं – अशोक हमराही

अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...

गणतंत्र दिवस है अमर कहानी – अशोक हमराही 

  गणतंत्र दिवस गीत   गणतंत्र दिवस है अमर कहानी स्वर्णिम  हिंदुस्तान की, आज़ादी के दीवानों के साहस त्याग महान...

कापुरुष वो पौरुषहीन – दिव्या त्रिवेदी

कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...

तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे – राजुल

  तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे   तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे कोई सीलन भरा हो घर जैसे जहाँ न...

बापू तुम्हें प्रणाम

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है. गांधी जी पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में...

जय जयवंती माँ भारती : दीपा देसाई

जय जयवंती माँ भारती  हम हिंदुस्तानी देश हमारा जानसे प्यारा आज़ादी का बुलंद नारा जयजयवंती मॉ भारती जयजयवंती मॉ भारती...

मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ : आशा चंपानेरी

मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़   मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......

Bachpan : બાળપણ – દીપા દેસાઈ

બાળપણ હિંચકાને ઠેસ મારી, ઉપર નીચે.. આવર્તન, કૂદકો મારી "કોઈ" સાથે બેઠું. આગળ પાછળ આંદોલન, અમે..તો પુરજોશમાં ઝૂલતાં'તા... કલાત્મક કડાં...