तुम बोलो तो
तुम बोलो तो होती जो उलझन है तुमको, बोलो तो मैं सब सुलझाऊं। शब्द मेरे चुभते हैं तुमको, बोलो तो...
तुम बोलो तो होती जो उलझन है तुमको, बोलो तो मैं सब सुलझाऊं। शब्द मेरे चुभते हैं तुमको, बोलो तो...
रेशीम गाठ!! हे बंध तुझे - माझे.... असे नाही सुटायचे नाते अपुल्या मधले.... कधी नाही तुटायचे ही आहे रेशीम...
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे कोई सीलन भरा हो घर जैसे जहाँ न...
है लबों ने, मौन धारा है लबों ने, मौन धारा मौन मुखरित हो गया है कर लिया करती हैं...
माँ डर मुझे बहुत लगता है अब डर मुझे बहुत लगता है । माँ डर मुझे बहुत लगता है ।...
मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......
दिन बचपन के दिन लौटा दे मेरे बचपन के कोई याद आते हैं दिन बचपन के दिन बचपन के...
सावन की मन मानी है ये सावन की मन मानी है ये आग भरा इक पानी है ये बारिश...
सुगना हरियाला देख सुनहरी किरणें दूर जब निकल गया मोम का खिलौना था धूप में पिघल गया ।...