Kavi Aur Kavita कवि और कविता – Ratibhan Tripathi रतिभान त्रिपाठी
सन्मार्ग पर है वह वह भटकेगा नहीं, थकेगा नहीं डिगेगा नहीं, डरेगा भी नहीं आतताइयों को जीतकर निकला है चिंतित...
सन्मार्ग पर है वह वह भटकेगा नहीं, थकेगा नहीं डिगेगा नहीं, डरेगा भी नहीं आतताइयों को जीतकर निकला है चिंतित...