तुम आओ ना – दिव्या त्रिवेदी
तुम आओ ना हूं खड़ी बेजान बुत सी, तुम जान बन के आओ ना। हूं अनुत्तरित प्रश्नावली मैं, तुम...
तुम आओ ना हूं खड़ी बेजान बुत सी, तुम जान बन के आओ ना। हूं अनुत्तरित प्रश्नावली मैं, तुम...
मुक्तक अंबर से छत की मुंडेर पर आते हो जन-जन को सावन के गीत सुनते हो सच कहती हूँ बहुत...