कहानी:धिनधिन…धिन…धिनधिन…धिन-अलका सिन्हा
धिनधिन...धिन... धिनधिन...धिन खिड़की से झांकता धुला-धुला वातावरण चुंबक की तरह अपनी ओर खींच रहा था और मैं सोच रही...
धिनधिन...धिन... धिनधिन...धिन खिड़की से झांकता धुला-धुला वातावरण चुंबक की तरह अपनी ओर खींच रहा था और मैं सोच रही...