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और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी – डॉ अनिल त्रिपाठी

और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी   और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी शाम...

सुगना हरियाला : प्रमिला भारती

  सुगना हरियाला   देख सुनहरी किरणें दूर जब निकल गया मोम का खिलौना था धूप में पिघल गया ।...

कवि और कविता Kavi aur Kavita : सुधा त्रिपाठी शुक्ला

धूप -छांव कहीं सुनहरी धूप चमके कहीं घनघोर काली घटा कहीं धरा तरसे एक बूंद पानी को भरने को अपने...