और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी – डॉ अनिल त्रिपाठी
और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी शाम...
और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी और कुछ देर में ये धूप भी ढल जायेगी शाम...
सभी के हाथ मे ख़ंजर बचे कैसे कहाँ जाएँ सभी के हाथ मे ख़ंजर बचे कैसे कहाँ जाएँ अभी...