कापुरुष वो पौरुषहीन – दिव्या त्रिवेदी
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
तुम आओ ना हूं खड़ी बेजान बुत सी, तुम जान बन के आओ ना। हूं अनुत्तरित प्रश्नावली मैं, तुम...
बुद्ध का बुद्धत्व वास्तव में बुद्ध से पहले यशोधरा बुद्ध हो गई थीं, जिस दिन बुद्ध लौट कर आए...