नरेश शांडिल्य के ग़ज़ल संग्रह ‘अपनी तलाश में’ की समीक्षा:शायरा चाँदनी पाण्डेय
ग़ज़ल संग्रह 'अपनी तलाश में' अपनी तलाश में (ग़ज़ल संग्रह ) लेखक : नरेश शांडिल्य पृष्ठ संख्या : 112 मूल्य...
ग़ज़ल संग्रह 'अपनी तलाश में' अपनी तलाश में (ग़ज़ल संग्रह ) लेखक : नरेश शांडिल्य पृष्ठ संख्या : 112 मूल्य...
अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...
जिसे देखो वही इंसां है सर्द-सर्द यहां जिसे देखो वही इंसां है सर्द-सर्द यहां सुब्ह की धूप पे जमने लगी...
मेरे दिल में तुम रहते हो फिर भी इतने गुम रहते हो मेरे दिल में तुम रहते हो फिर...
चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए चलो ख़ुद को भी एक तोहफ़ा दिया जाए जहां कह...
चलो इस शाम को थोड़ा सा गुलाबी कर लें चलो इस शाम को थोड़ा सा गुलाबी कर लें तेरे...
दुआ क्या और उनकी बद्दुआ क्या दुआ क्या और उनकी बद्दुआ क्या जो रिश्ता ही नहीं उसका गिला...
रात को आफ़ताब देखा है रात को आफ़ताब देखा है, ...
ख़ाली हो तो जर्जर मन के पैबन्दों को सिया करो ख़ाली हो तो जर्जर मन के पैबन्दों को सिया...
सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे...