kavita

कवि और कविता : कवयित्री रेवा अग्रवाल

धनुष का किया है खंडन कि‌ राम तेरा प्यारा है नाम रघुनंदन धनुष का किया है खंडन कि‌ राम तेरा...

अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी

कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में  अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी संपन्न काव्य सृजन महिला मंच के तत्वावधान में और टेन न्यूज़...

बिन तेरे – दिव्या त्रिवेदी

बिन तेरे   मैं नहीं नहीं मैं कुछ नहीं कहीं नहीं। बस यूं ही जब भी तू पुकार ले मुझे...

चाहत – अनिता रश्मि

चाहत   सुनहरी धूप रूपहली चाँदनी हवाओं का मदिर-मदिर स्पंदन फूलों की दहकती क्यारियाँ बादलों की नीली किलकारियाँ खेतों में...

पानी – अनिता रश्मि

  पानी   पानी-पानी ज़िंदगी नहीं कोई रवानी ज़िंदगी रहिमन पानी रख न सका पानी सी बह निकली यह आनी-जानी...

बसंत – अनिता रश्मि

बसंत   उसकी दुधिया हँसी और फेनिल बातों में छिपी है बसंत की मीठी गुनगुनाहट उसकी प्यारी गदबदी उपस्थिति ने...

पिता – अनिता रश्मि

  पिता   पिता के खुरदुरे रौबीले चेहरे के पीछे छिपा है एक कोमल चेहरा जिसे सिर्फ बेटियाँ ही पहचान...

बंद हथेली क्यों रखते हो – अशोक हमराही

  मेरे दिल में तुम रहते हो फिर भी इतने गुम रहते हो   मेरे दिल में तुम रहते हो फिर...