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कवि और कविता : कवयित्री रेवा अग्रवाल

धनुष का किया है खंडन कि‌ राम तेरा प्यारा है नाम रघुनंदन धनुष का किया है खंडन कि‌ राम तेरा...

बिन तेरे – दिव्या त्रिवेदी

बिन तेरे   मैं नहीं नहीं मैं कुछ नहीं कहीं नहीं। बस यूं ही जब भी तू पुकार ले मुझे...

चाहत – अनिता रश्मि

चाहत   सुनहरी धूप रूपहली चाँदनी हवाओं का मदिर-मदिर स्पंदन फूलों की दहकती क्यारियाँ बादलों की नीली किलकारियाँ खेतों में...

असीर-ए-ज़िंदगी – शहज़ादी खातून

असीर-ए-ज़िंदगी   ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में ही क़ैद होकर रह गई ख़्वाहिशें समझौतों के कंधे पर बोझ हो गईं लड़कपन जवानी...

रेशीम गाठ –  श्रद्धा थत्ते

रेशीम गाठ!!   हे बंध तुझे - माझे.... असे नाही सुटायचे नाते अपुल्या मधले.... कधी नाही तुटायचे ही आहे रेशीम...

तुम आओ ना – दिव्या त्रिवेदी

  तुम आओ ना हूं खड़ी बेजान बुत सी, तुम जान बन के आओ ना। हूं अनुत्तरित प्रश्नावली मैं, तुम...

सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे सर झुका देते हैं जब हम वक़्त के इसरार पे...