khatoon

हाँ मैं हूँ – शहज़ादी खातून 

  हाँ मैं हूँ  करो प्रताड़ित सहूं अगर तो कहना नारी महान हो तुम तोड़ दूँ चुप्पी तो कहना हाय...

मैं स्वयं – शहज़ादी खातून

मैं स्वयं   परिभाषित नहीं करना अब तुम मुझे क्षण शब्दों में मैं स्वयं परिभाषा बनूंगी वर्ण-वर्ण कर नहीं अब...

असीर-ए-ज़िंदगी – शहज़ादी खातून

असीर-ए-ज़िंदगी   ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में ही क़ैद होकर रह गई ख़्वाहिशें समझौतों के कंधे पर बोझ हो गईं लड़कपन जवानी...