Kavi Aur Kavita : Ratna Bapuley
नदियों का जल प्रतिक्षण प्रतिपल, करता कल कल, हो चिर चंचल बहता निश्छल, नदियों का जल। हिम अंचल से, निकल...
नदियों का जल प्रतिक्षण प्रतिपल, करता कल कल, हो चिर चंचल बहता निश्छल, नदियों का जल। हिम अंचल से, निकल...
उजाले उन सबकी यादों के इसमें कत्तई संदेह नहीं कि अपने देश में वैचारिक स्वतंत्रता पिछले कुछ महीनों से चरम...
मुक्तक अंबर से छत की मुंडेर पर आते हो जन-जन को सावन के गीत सुनते हो सच कहती हूँ बहुत...
ये जो तबस्सुम है तबस्सुम भी एक शादाबी का निशाँ होती है, कभी मौजूं-ए-गुफ़्तगू, कभी दिल का सामां होती...
सुगना हरियाला देख सुनहरी किरणें दूर जब निकल गया मोम का खिलौना था धूप में पिघल गया ।...
पुलकित है क्षितिज देख सावन की छाँव पुलकित है क्षितिज देख सावन की छाँव रोका रथ ऋतुओं ने फूलों...
सन्मार्ग पर है वह वह भटकेगा नहीं, थकेगा नहीं डिगेगा नहीं, डरेगा भी नहीं आतताइयों को जीतकर निकला है चिंतित...
दुआओं की निगहबानी कभी ख़ाली नही जाती दुआओं की निगहबानी कभी ख़ाली नही जाती बुजुर्गों की परेशानी अगर सम्हाल ले...
धूप -छांव कहीं सुनहरी धूप चमके कहीं घनघोर काली घटा कहीं धरा तरसे एक बूंद पानी को भरने को अपने...
ब्रेक अप स्टोरी काश उसे पहचान पाती राजुल अशोक ऑफ़िस के गलियारों में कानाफूसी हो रही थी। एकाउंट सेक्शन का...