मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ : आशा चंपानेरी
मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......
मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......
मृगजळ मन वेडे गुणगुणते हे आयुष्याचे गाणे। त्या समजावू मी कैसे , मृगजळ आहे, नव्हे तराणे ।।धृ।। तू येता...