नानी कहती थीं – मनोज चतुर्वेदी
नानी कहती थीं नानी कहती थीं कि शबनम अमृत है पूनो का चाँद , मस्त चाँदनी शीतल मंद...
नानी कहती थीं नानी कहती थीं कि शबनम अमृत है पूनो का चाँद , मस्त चाँदनी शीतल मंद...
अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता प्यार या मनुहार से नफ़रतों के वार से जीत...
ख़ाली हो तो जर्जर मन के पैबन्दों को सिया करो ख़ाली हो तो जर्जर मन के पैबन्दों को सिया...
सभी के हाथ मे ख़ंजर बचे कैसे कहाँ जाएँ सभी के हाथ मे ख़ंजर बचे कैसे कहाँ जाएँ अभी...