बंद पड़ी हैं राहें तो क्या, खुले हैं दिल के दरवाज़े : गायिका – नूपुर पंडित

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Band padi hain rahen to kya copy



घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 38

बंद पड़ी हैं राहें तो क्या, खुले हैं दिल के दरवाज़े

बंद पड़ी हैं राहें तो क्या

खुले हैं दिल के दरवाज़े

पहले भी तो अक्सर हम तुम

यहीं से थे आते जाते

प्यार हमारा मन का मिलन है

फिर तुमको कैसी उलझन है

तन हैं जुदा पर एक ही हम हैं

एक सी खुशियां एक से ग़म हैं

कैसी दूरी क्या मजबूरी

ये सब कहने की बातें

बंद पड़ी हैं राहें तो क्या

खुले हैं दिल के दरवाज़े

पहले भी तो अक्सर हम तुम

यहीं से थे आते जाते

मन की खिड़की खोल के रखना

अपने मन से बोल के रखना

कोरोना का डर नहीं करना

मिलने हम आएंगे सजना

नयनों में तुम सपनों में तुम

तुम ही हो दिन और रातें

बंद पड़ी हैं राहें तो क्या

खुले हैं दिल के दरवाज़े

पहले भी तो अक्सर हम तुम

यहीं से थे आते जाते

  • गीतकार – अशोक हमराही

Ghar Par Rahen Ghar Par Sunen Song No. 38 Band padi hain rahen to kya Singer : Nupur Padit Lyrics : Ashok Hamrahi Music : Kewal Kumar Music Arranger : Akshata Pandit



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