Month: January 2021

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (10)

हमने लोन लेकर विरार में टू बेडरूम हॉल किचन का खूबसूरत घर खरीदा। अपनी पसंद का फर्नीचर बनवाया। जहाँ बेडरूम...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (09)

समय बीतता गया। एक दिन अचानक श्रीकांत जी (बाबा नागार्जुन के पुत्र जो अब यात्री प्रकाशन संभालते हैं) का फोन...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (08)

पत्रकारिता के मेरे अनुभवों ने यह तो समझा दिया था कि पत्रकारिता का भविष्य अनिश्चित है। दुनिया बदल देने और...

आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (07)

मेरे लिए मेरे जीवन में आया एक एक व्यक्ति भविष्य के लिए मेरी आँखें खोलता गया फिर चाहे आँखें उससे...

बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद – अलका प्रमोद

बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद आरव के स्कूल में छुट्टियाँ हो गयीं ।वह बहुत खुश था ए उसने कह...

बाल कहानी : आज का लक्ष्मण – अलका प्रमोद

बाल कहानी कहानीकार : अलका प्रमोद आज का लक्ष्मण           दशहरा आ गया था सब ओर तैयारियाँ  हो रही थीं।...

कवयित्री: विनीता राहुरीकर

मैं हवा नहींमैं हवा नहीं जिसे कोई अपने फेफड़ों में भर ले मेरी सारी प्राणवायु सोख ले और अपने अंदर...

कवयित्री: डॉ. अर्चना प्रकाश

आज की लड़की कस कर मुँह पर कपड़ा बांधे , मनी बैग महँगा धरे काँधे । आते जाते स्कूटरों पर...